लीवर कैंसर के लक्षण और इलाज

आपने यह जरूर पढ़ा होगा कि लिवर शरीर का एक बड़ा हिस्सा होता है। यह हमारे पेट के दाहिने तरफ के रिब्स के पीछे होता है। लिवर के दो भाग होते हैं एक दाहिना पालि और दूसरा बायां छोटा पालि।
बता दें कि लिवर के कई ऐसे क्रियाकलाप होते हैं जिनसे व्यक्ति स्वस्थ रहता है। यह व्यक्ति के खून में से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में भी मदद करता है। यही नहीं, यह एंजाइम व पित्त का निर्माण करता है जो आपके भोजन को पचाने में मदद करता है और साथ ही जीवन व वृद्धि के लिए शरीर को जरूरी तत्व उपलब्ध कराता है। हालांकि लिवर में रक्त की आपूर्ति धमनियों के द्वारा होती है। रक्त का अधिकांश हिस्सा हेपटिक पोर्टल शिरा से ही आता है और बाकी हिस्सा हेपटिक धमनी से।
ध्यान रहें, बीमारी बढ़ जाने तक इसके लक्षण आमतौर से नहीं दिखाई देते हैं। आइए बताते हैं क्या है इसके लक्षणवजन बहुत ज्यादा घट जाएगा

भूख नहीं लगेगी
आप थोड़ा खाना ही खाएंगे लेकिन आपको ज्यादा लगेगा
दर्द या सूजन की शिकायत रहेगी, विशेषकर पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में
आपकी स्कीन और आंखें पीले हो जाएंगे जिसे जॉंडिस की बीमारी भी कह सकते हैं

क्या है लीवर कैंसर से बचाव के तरीके

रहें यौन संबंध बनाते वक्ते सावधान
क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बना रहे हैं जो पैपिलोमा वायरस से प्रभावित है, तो सावधान हो जाइए क्योंकि आप भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस बीमारी का वायरस फैलने वाला होता है। इसलिए किसी भी व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाने से बचें, यह कैंसर का कारण भी बन सकता है।

शराब और धूम्रपान बिल्कुल ना करें
शराब और धूम्रपान करने से भी लीवर कैंसर के होने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा अल्कोहल के सेवन से लीवर में सिरोसिस की समस्याम हो जाती है जो बाद में कैंसर का कारण बनती हैं। इसलिए कोशिश यही करें कि आप खुद को शराब और धूम्रपान से दूर ही रखें।

खानपान का ध्यान जरूरी
लिवर तक फैलने वाले कुछ प्रकार के कैंसरों जैसे – कोलोन, ब्रेस्ट और लंग कैंसरों का संबंध आपके खान-पान से भी हो सकता है। आपके लिए बेस्ट यही होगा कि आप मोटापा नहीं होने दें। अपने शरीर का वजन संतुलित रखें और रेशेदार चीजों से भरपूर तथा संतृप्तन वसा (सैचुरेटेड फैट) की कम मात्रा वाला आहार लें। इसके लिए साबुत अनाज, सीरियल, सब्जियां और फल का सेवन कीजिए।

पालक को करें शामिल
पालक में बहुत ताकत होता है। यह हरी साग-सब्जी प्रजाति की है। इसकी हरी पत्तियां आपको हर महीने मिल जाएंगी। आप चाहे तो इसको सलाद, सब्जी, सूप में किसी भी तरह खा सकते हैं। आपको बता दें कि इसमें घुलनशील एवं अघुलनशील दोनों प्रकार का फाइबर होता है, जो पाचनतंत्र के लिए सबसे उपयोगी है। इसमें विटामिन ई पर्याप्त मात्रा में होता है जो लिवर कैंसर से बचाने में मददगार होता है।

एक टिप्पणी भेजें

यहाँ पर आपको मिलती है हेल्थ न्यूज, डेली हेल्थ टिप्स और ताजा स्वास्थ्य जानकारियां। इसके साथ ही जीवनशैली और चिकित्सा जगत में होने वाली नयी खोजों से अवगत भी कराते हैं हम।