पथरी की तकलीफ खत्म कर देगें ये नुस्खे


पथरी एक जाना पहचाना रोग है जो की किडनी, मूत्राशय, मूत्र नलिका आदि होता है या बनता है। मनुष्य के शरीर में अनेक रसायनों से बने छोटे-छोटे कणों का जमाव पथरी का निर्माण करते हैं। पथरी मुख्य रूप से कैल्शियम फॅास्फेट, यूरिक एसिड और अमोनियम फॅास्फेट जैसे रसायनों के क्रिस्टल्स जमने के कारण बनती है। पथरी का रोग होने के बाद मनुष्य को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उससे बचने के लिए आईये जानते हैं पथरी के बारे में:

पथरी के लक्षण :
 
मनुष्य के शरीर में पेट से लेकर पीठ के पीछले हिस्से तक तेजी से दर्द होना, जी मिचलना या उल्टियां होना, पेशाब में खून का जाना, जिसे हिमेटूरिया कहा जाता है। पेशाब में सक्रमण, पेशाब करते समय जलन होना, बार-बार पेशाब होना आदि पथरी के लक्षण हैं।

पथरी का उपचार :
 
- पथरी के उपचार के लिए पथरचूर के पत्ते को पीसकर प्रतिदिन किसी भी समय 1 गिलास पानी के साथ पीयें, इससे पथरी रोग में आराम मिलता है तथा पथरी कट-कट कर मल के द्वार से गिरती रहती है। पथरचूर का पौधा कई तरह का होता है सभी से फायदा मिलता है अगर आपको लम्बे पत्ते वाला पौधा मिले तो अच्छा रहेगा।

- तुलसी की पत्तियों का चूर्ण और हरड़ का चूर्ण मिलाकर खाने से दर्द में काफी आराम मिलता है। इस चूर्ण में नींबू का रस और शहद मिलाकर लेने से पथरी खत्म हो जाती है।

- सौंफ की चाय को पथरी के इलाज में एक कारगर उपाय है। इसकी चाय बनाने के लिए आधा चम्मच सौंफ पीस लें। दो कप पानी में पांच मिनिट तक उबाल लें। जब यह गुनगुना रह जाए तो इसे पी लें। ऐसा रोज दो से तीन बार लें तो पेट दर्द और किडनी दर्द में राहत मिलती है।

- आंवले के रस में इलायची के दानों को पीसकर मिलाएं। इसे हल्का गर्म करके पिएं। उल्टियां, चक्कर या पेट दर्द जैसी समस्याओं में यह राहत देता है। साथ ही, पथरी को भी निकाल फेंकने में सक्षम होता है।

- पेशाब में यदि जलन महसूस हो तो गिलोय के तने का चूर्ण 10 ग्राम और आंवला का चूर्ण 10 ग्राम लें। इसमें सौंठ चूर्ण 5 ग्राम, गोखरु के बीजों का चूर्ण 5 ग्राम और अश्वगंधा की जड़ों का चूर्ण 5 ग्राम मिलाएं। इस मिश्रण को 100 मिली लीटर पानी में उबाल लें। इस काढ़े को रोगी को दिन में एक बार रोजाना एक माह तक दें। लाभ होगा।

- दूब घास की जड़ें, पाठा की जड़ें, दारू हल्दी का कंद और मालकांगनी की पत्तियों की समान मात्रा लें। इन्हें पीसकर रस तैयार कर लें। इस मिश्रण का तीन ग्राम रस शहद के साथ लेना पथरी के लिए कारगर होता है।

- अश्वगंधा की जड़ों का रस पीने से पथरी का दर्द कम होता है। इस रस को पीने से पहले गर्म कर लें तो बेहतर परिणाम मिलेंगे।

- अश्वगंधा की जड़ों का रस और आंवला के रस को समान मात्रा में आधा-आधा कप मिलाकर लें। मूत्राशय और मूत्र मार्ग में पेशाब करते समय जलन की शिकायत खत्म हो जाती है। यह पथरी को गलाकर बाहर भी निकाल देता है।

- पेशाब करते समय जलन या कम पेशाब होने की शिकायत हो तो आंवले से बेहतर उपचार कोई और नहीं है। आंवले का रस, चीनी और घी का मिश्रण इस समस्या में कारगर होता है।

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