सोने के समय इन बातों का ध्यान रखिये


सभी व्यक्ति को नींद की जरूरत होती है इसलिये सोना जरूरी है तथा यह कहलें कि जिंदगी का एक हिस्सा है व्यक्ति अपने जीवन काल में जितना जागता है उतनाही सोता भी है।

हर व्यक्ति के साने का तरीका भिन्न-भिन्न होता है। कोई पेट के बल सोता है तो कोई कमर के बल सोता है। सोने के सही तरीके को यदि अपनाया जाये तो हम अनेको बिमारियों से बच सकते हैं। और अपने शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को भी स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। तरअसल सभी लोग जीवन का ज्यादा समय सोने में बिताते हैं और सोने का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिये हमें सोने का सही तरीका अपनाना चाहिये।


सोने से इंकार करके आजतक किसी भी आदमी ने आत्महत्या नहीं की और ऐसा कभी कर भी नहीं पाएगा। मनुष्य की सारी इच्छा शक्ति के बावजूद प्रकृति उसे सोने के लिए विवश कर देगी। प्रकृति हमें भोजन या पानी के बिना तो ज्यादा समय तक चलने देगी परंतु नींद के बिना नहीं।
सोने के सही तरीके के लिये निचे दिये गये पहलुओं को पढें।
साँस के बारे में जानकारी जो आपको जाननी बेहद आवश्यक है
  • रात को जल्दी सोयें और सुबह जल्दी जागें।
  • रात को खाने और सोने के बीच कम से कम 3 से 4 घण्टे का अंतर रखें।
  • जब भी सोयें हल्के और आरामदायक सूती कपड़े पहनकर सोंयें।
  • टी.वी. देर रात तक ना देखें अन्यथा देर रात तक जागने की आदत हो जायेगी। तथा सर दर्द की समस्या पैदा होगी
  • यदि आवश्यक ना हो तो अपना मोबाईल फोन बंद करके सोयें।
  • सोने के लिए आपका कमरा ऐसा हो जहाँ वायु पर्याप्त मात्रा में प्रवाह करती हो।
  • हमेशा अपने कमरे में ऐसी खिड़की या रोशनदान जरूर बनायें जिससे कि सुबह की धूप आ सके। इससे लाभ यह होगा कि आप जल्दी उठने लगेंगे और भरपूर तरो-ताजगी महसूस करेंगे।
  • रात को सोते समय सीधी करवट लेकर सोयें, जिससे हृदय को रक्त पम्म करने के लिये खुली जगह मिले। यदि आप उल्टे हाथ की तरफ करवट लेकर सोते हैं तो खाने से भरा हुआ आमाशय हृदय वा दबाव डालता है जिससे हृदय की क्रियाविधि प्रभावित होती है। आधी रात बीतने के बाद आप कमर के बल भी सो सकते हैं।
  • यदि आप गाँव में रहते हैं तो गर्मियों के मौसम में पेड़ों के नीचे सोयें विशेषकर नीम और पीपल के नीचे।
  • यदि आपको कमद दर्द है और इसकी वजह स्पाइन कॉर्ड का दबना है तो आप करवट लेकर धनुष का आकार बनाकर सोयें।
  • यदि आपको कूल्हे के जोड़ों का दर्द हो तो आप करवट लेकर तकिये को दोना घुटनों के बीच रखकर सोयें। इससे कूल्हे के जोड़ों को राहत मिलेगी।
  • पेट के बल सोने से जननांगों का विपरीत प्रभाव पड़ता है।
  • बिना तकिये के सोना अच्छा है।
  • बिस्तर के बारे में सामान्य कियम है कि गद्दा सख्त हो और तकिया मुलायम।
  • पेट के बल सोने वाला व्यक्ति अपने पेट एवं फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है जिससे इन अंगों की क्रियाविधि प्रभावित होती है।
  • सोते समय यदि आपको आहार नली या छाती में जलन हो तो सीधी करवट सोयें या फिर छाती के हिस्से को पेट से कुछ उंचा रखकर सोयें।
  • गर्भवती महिलायें गर्भ की स्थिति के अनुसार करवट लेकर सोयें। कोशिश करें कि उल्टी करवट लेकर सोयें। गर्भावस्था में कभी भी पेट के बल न सोयें।
  • यदि आप कमर के बल सोते हैं तो अपने घुटनों के नीचे एक तकिया रख लें एवं टॉवेल को लपेटकर सेर के नीचे रखें। यह आरामदायक सोने की अवस्था है, जो कि कमर दर्द के रोगियों के लिये अत्यंत लाभदायक है।
  • दिन में यदी आप सोना चाहते हैं तो लंच के बाद सोना अच्छा है, लेकिन यह 35 से 40 मिनट के लिये होना चाहिये।
  • यदि आप अनिद्रा या नींद न आने से पीड़ित हैं तो दिन में सोयें।

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