पायरिया से बचने के लिए सावधानी

पायरिया क्यों होता है :

दरअसल मुंह में लगभग 700 किस्म के बैक्टीरिया होते हैं, जिनकी संख्या करोडों में होती है। यही बैक्टीरिया दांतों और मुंह को बीमारियों से बचाते हैं। अगर मुंह, दांत और जीभ की सफाई ठीक से न की जाए तो ये बैक्टीरिया दांतो और मसूडों को नुकसान पहुंचाते हैं। पायरिया होने पर दांतों को सपोर्ट करने वाली जबडे की हड्डियों को नुकसान होता है। पायरिया शरीर में कैल्शियम की कमी होने से मसूड़ों की खराबी और दांत-मुंह की साफ सफाई में कोताही बरतने से होता है। इस रोग में मसूड़े पिलपिले और खराब हो जाते हैं और उनसे खून आता है। सांसों की बदबू की वजह भी पायरिया को ही माना जाता है।

पायरिया के लक्षण :

पायरिया होने पर सांसो में तेज दुर्गंध शुरू हो जाती है। मसूडों में सूजन होने लगती है। दांत कमजोर होकर हिलने लगते हैं। गर्म और ज्यादा ठंडा पानी पीने पर दांत संवेदनशील हो जाते हैं और लोग उसे बर्दास्त नही कर पाते हैं। पायरिया होने पर मसूडों से मवाद आना शुरू हो जाता है। मसूडों को दबाने में और छूने पर दर्द होता है। पायरिया की शिकायत होने पर मसूडों से खून निकलने लगता है। दो दांतों के बीच की जगह बढ जाती है, दांतों में गैप होने लगता है।

पायरिया से बचने के लिए सावधानी :

खाने के बाद मुंह की अंदरुनी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।ब्रश करते समय दांतों को अच्छी तरह से और आराम से साफ करें।टंग क्लीनर से जीभ को अच्छी तरह साफ करें। दांतों की सफाई के लिए कठोर ब्रश की बजाय कोमल ब्रश का इस्तेमाल करें। रात में डिनर करने के बाद सोने से पहले भी ब्रश करें। ब्रश करते समय ध्यान रखिए कि खाने का कोई टुकडा दांतों के बीच फंसा तो नही है। कुछ भी खाने के बाद अगर ब्रश नहीं कर सकते हैं तो पानी से दांतों की सफाई कर लेनी चाहिए। अच्छे दांत सेहत और सुंदरता की निशानी होती है। इसलिए अपने दांतों का ख्याल जरूर रखें।

पायरिया का अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो दांत ढीले होकर गिर जाते हैं। पायरिया का इलाज बडी आसानी से हो सकता है। पायरिया की समस्या होने पर जल्द से जल्द चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

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