आंवला और शहद का साथ में सेवन कर देंगे आपकी एनर्जी को बढ़ा देगा दोगुना

आंवला सेहत के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है l आंवला न सिर्फ एनर्जी बल्कि आपकी त्वचा और बालों के लिए भी काफ़ी लाभदायक होता है l यह एक ऐसा फल से जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इससा सेवन करने से आपको कई बीमारियों से फायदा मिल सकता है। आंवले में सारे रोग दूर करने के गुण व शक्ति होती है। आंवला युवकों को भी यौवन शक्ति प्रदान करता है तथा बूढ़ों को युवा जैसी शक्ति देता है। सेहद और आंवला साथ खाने से कई तरह की बिमारियों में लाभ मिलता है l
  • शहद में आंवला भिगोने से न केवल आंवला कई महीनों तक ठीक रहता है। इसे बनाने के लिए एक जार को आधा शहद से भर लें फिर उसमें आंवला भिगोकर, ढक्‍कन को बंद कर दें। कुछ दिनों के बाद आप पाएगे। जानिए इन फायदों के बारें में।
  • अगर आपको सर्दी-जुकाम या फिर गले में खराश की समस्या है तो इसके लिए शहद और आंवला की एक बड़ी चम्‍मच लें। इससे आपको तुरंत राहत मिल जाएगी। इसके अलावा आप इसे अदरक के रस के साथ सेवन करेगे तो इससे आपको तुरंत राहत मिल जाएगा।
  • अगर आपके चेहरे में झुर्रियां या फाइन लाइन आ गई हो परेशान होने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आंवला और शहद का मिश्रण काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए रोजाना शहद में भीगे आंवला की एक चम्‍मच खाना चाहिए। इससे आप सदा जवां भी बने रहेगे।
विधि :
हरे आंवलों को कुचलकर या कद्दुकस कर कपड़े से छानकर आंवलों का रस निकाल लें। ततपश्चात 15 ग्राम (तीन छोटे चम्मच) हरे आंवलों के रस में 15 ग्राम शहद मिलाकर प्रात: व्यायाम के बाद पी लें। इसके पश्चात दो घंटे तक कुछ न लें। हरे आंवलों के मौसम में निरंतर डेढ़-दो मास इसे लेते रहने से काया पलट जाती है। सभी रोगो से बचे रहने के इच्छुक लोंगो के लिए यह एक श्रेष्ठ योग है और कायाकल्प के समकक्ष है।

1.इसके सेवन से वीर्य विकार नष्ट होते है। प्रमेह एवं मूत्र-ग़ड़बड़ी ठीक होती है। पेशाब में धातु जाने का रोग अच्छा होता है। वीर्य पुष्ट और वीर्य के विकार नष्ट करने वाली इसके बराबर शायद ही कोई दूसरी ओषधि हो।

2.इससे आमाशय को बल मिलता है और शरीर में नए रक्त का निर्माण होता है।

3.सावन-काल में ब्र्म्ह्चर्य पालन करें और तेल, मिर्च, खटाई, गरिष्ट और तले पदार्थो से परहेज करें।

4.सोम रोग की शिकार महिलाएं जिनकी पेशाब रोकने की क्षमता के क्षय हो जाने से चेहरा बिलकुल निस्तेज हो गया हो और मूत्रस्त्रव बहुत अधिक होता हो, इस प्रयोग से उनका सोम रोग नष्ट होकर सौंदर्य लौट आता है।

5. मासिक धर्म की अवधि में अमियमित्ता और मासिक धर्म की गड़बड़ियों में डॉकटरो के पास भागने से पहले आज इसे आजमा कर देंखे तो नब्बे प्रतिशत मामलों में यह प्रयोग प्रणाली को स्वाभिक दशा में ले आता है।

6. सिरदर्द, नेत्ररोग आदि अनेकानेक रोगो से छुटकारा प्राप्त होकर नवजीवन प्राप्त होता है।

7. उपरोक्त प्रयोग के साथ यदि आंवलों या त्रिफला जल से आँखों को धोते रहने से मोतियाबिंद को आराम मिलता है।

8. ताजे आंवले को चबाने से मुख की गर्मी शांत होती है, आँखे स्वस्थ रहती है, कब्ज दूर रहती है, दिल और दिमाग की शक्ति बढ़ती है व चेहरे पर नई रौनक आती है। एक ताजा आंवले में नारंगी की अपेक्षा बीस गुना विटामिन ‘सी’ होता है।

9. महर्षि चरक का मत है की जगत में जितनी भी रसायन औषधियां है उन सबमे आंवला उत्कृष्ट है, क्योंकि इसमें जितने रोग निवारक, रक्तशोधक और आरोग्यवर्धक गुण है, उतने किसी अन्य वस्तु में नही।

10. आँवला चूर्ण 5-10 ग्राम एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह खाली पेट चाटने से थाइरोइड जैसी गंभीर बीमारी भी 1-2 महीने में घुटने टेक देती है।

1 टिप्पणी

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